कि तभी जिम्मेदारियों की टोकरी सामने देख यकायक मन स | हिंदी Poetry Vide

"कि तभी जिम्मेदारियों की टोकरी सामने देख यकायक मन सिहरा और तब से लेकर आज तक कंधे बाहुबल से ओतप्रोत हैं! ©Prasoon "

कि तभी जिम्मेदारियों की टोकरी सामने देख यकायक मन सिहरा और तब से लेकर आज तक कंधे बाहुबल से ओतप्रोत हैं! ©Prasoon

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