कीमतें हमारी लगाई जा रही हैं
बिक जाएं क्या ?
चले जाएं उस छांव में जो पसंद नहीं
या फिर धूप में ही अकेले रुक जाएं क्या ?
तुम तो काफ़ी सस्ते में गए हो
महंगाई खुद चलकर आई हैं
पहले से हैं
और महँगे हो जाएं क्या ?
©gaTTubaba
#Drown कीमतें हमारी लगाई जा रही हैं
बिक जाएं क्या ?
चले जाएं उस छांव में जो पसंद नहीं
या फिर धूप में ही अकेले रुक जाएं क्या ?
तुम तो काफ़ी सस्ते में गए हो
महंगाई खुद चलकर आई हैं
पहले से हैं और महँगे हो जाएं क्या ?