जिन्दगीं के सफर में चलना वो सिखाती है और सम्भलना | English Shayari
"जिन्दगीं के सफर में चलना वो सिखाती है
और सम्भलना भी सिखाती है
शिक्षक आएँगे राहों में बहुत
वो जीवन के सार से वाकिफ कराती हैं
मेरे लिए तो मेरी शिक्षिका
एक "माँ" और दूसरी "माँ_सी" कहलाती हैं ।"
जिन्दगीं के सफर में चलना वो सिखाती है
और सम्भलना भी सिखाती है
शिक्षक आएँगे राहों में बहुत
वो जीवन के सार से वाकिफ कराती हैं
मेरे लिए तो मेरी शिक्षिका
एक "माँ" और दूसरी "माँ_सी" कहलाती हैं ।