उसे मैं बुरी नहीं कोई और अच्छा लग रहा था कुछ तो खो | English Life
"उसे मैं बुरी नहीं
कोई और अच्छा लग रहा था
कुछ तो खोट था उसके मन में
जो वो हर कदम पर संभल रहा था
हम उनकी मासूमियत के कायल थे
और वो हमारे ही हुकुम के इक्के को
मारने की चालें चल रहा था।"
उसे मैं बुरी नहीं
कोई और अच्छा लग रहा था
कुछ तो खोट था उसके मन में
जो वो हर कदम पर संभल रहा था
हम उनकी मासूमियत के कायल थे
और वो हमारे ही हुकुम के इक्के को
मारने की चालें चल रहा था।