समंदर है, यह ज़ुर्रत न कर...
उथले सागर में कभी मोती नहीं मिलते,
गहराई में उतरे तो..... खो जाने का डर है।
मोती मिला प्रेम का तो वहीं रह जाने का डर है।
दिल की गहराई में ,उतरकर क्या होगा ?
भोला -भाला दिल ये, इसके बहक जाने का डर है।
दुनिया की चालाकियों से अनजान है।
धोखा खा गया,किसीअपने से, इसके डूब जाने का डर है।
©Laxmi Tyagi
#SunSet
#दिल की गहराई