White अक्सर खोया रहता था मैं,उसकी झील सी आंखों में,
जैसे खो जाते हैं अक्सर दरिया मिलकर समन्दर में।
अक्सर सोया करता था मैं, उसकी जुल्फों की छांव में,
सूकून ऐसा मिलता था कि जैसे बचपन था गांव में।
वो तो नहीं है अब साथ मेरे,पास मेरे हैं बस उसकी यादें,
जी तो लूंगा इन्हीं के सहारे, किसी के नहीं अब ,जो हो न सके तुम्हारे।
@_ankaha_
@shikhar
©shikhar Singh
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