मैंने देखा है उसे
एक सात्विक सरल और सुंदर स्वरूप में
जिसमे सरलता के साथ आकर्षण है
पर उससे अलग उसे
उस रूप उस व्यहवार में भी देखा है
जो आज कल के हमारे सोच का अभिन्न हिस्सा है
उसको चंचलता से अधिक उसकी सादगी
मुझे आकर्षित करती है
और शायद उसके व्यहवार में उसकी बातचीत में
मैंने महसूस किया है उस सादेपन को
जिसमे लोग आज के जमाने के आना नही चाहते,,,,,
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अमित
©Amitabh kumar haihayvansi
सादगी और सुंदरता