ये कैसा बंधन दिल का हक है पर जता नहीं सकते रिश्तें | हिंदी कविता Video

"ये कैसा बंधन दिल का हक है पर जता नहीं सकते रिश्तें जुड़े है रेशम के धागों से पर एहसास दिल में रखते है जज़्बात दिखा नहीं सकते क्या दुनियाँ की चहल पहल में खो गया वो दिल का एहसास अपना कहते तो सब है पर अपनापन जता नहीं सकते। ©Sweta Roy "

ये कैसा बंधन दिल का हक है पर जता नहीं सकते रिश्तें जुड़े है रेशम के धागों से पर एहसास दिल में रखते है जज़्बात दिखा नहीं सकते क्या दुनियाँ की चहल पहल में खो गया वो दिल का एहसास अपना कहते तो सब है पर अपनापन जता नहीं सकते। ©Sweta Roy

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