दिल की भाषा, अनकही सी बातें,
खामोशी में छुपे, जज्बातों के राग।
बिन कहे, जो सुन ले हर दास्ताँ,
वो दिल की भाषा, बड़ी ही खास।
नजरों की चमक, चेहरे की मुस्कान,
बयां कर दे सब, बिना किसी जुबान।
दिल से दिल का, कैसा ये नाता,
अनकहे लफ्ज़, बन जाते हैं गीत गाता।
इशारों में बातें, धड़कनों का संगीत,
दिल की भाषा में, छुपा हर दिल का राज़।
अनजाने में ही, कभी लबों पे आ जाए,
वो मीठी सी मुस्कान, जो दिल से आए।
दिल की भाषा, बिना शोर के,
सुनती है दुनिया, सबके मन की धारा।
चाहे खुशी हो, या हो गम का मारा,
दिल की भाषा, सबकी समझ में आती।
दिल की भाषा, जोड़े दिलों को,
बिना कहे, सब कुछ कह जाती।
©Rounak kumar
#Heart