विषय-जीवन सफर
सबके जीवन के सफर में,
कुछ ऐसा ही होता है।
कभी मन रोता है तो,
कभी खुश होता है।।
सुख-दु:ख जीवन सफर के,
दो मुख्य पहलू होते है।
इनके बिना ना कोई,
जीवन अछूते होते हैं।।
जीवन के सफर को,
कोई जान नहीं पाता।
कौन सा पहलू कब आ जाए,
यह पहचान नहीं पाता।।
इस सफर के हर पहलू के लिए,
तैयार रहना होगा।
हौसले बुलंद कर,
इन्हें पार करना होगा।।
जीते जी का सफ़र तो,
यूँहि ही कट ही जायेगा।
मगर रूह का सफ़र तो,
हमेशा जारी ही रहेगा।।
माला सिंह,मेरठ(यू0 पी0)
©Mala Singh
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