खुद से दुश्मनी एक बार किया होता है की हाथ, मुंह, | हिंदी कविता Video

"खुद से दुश्मनी एक बार किया होता है की हाथ, मुंह,पेट,आदमी में झगड़ा हो जाता है पेट बोल रहा है की मेरे बेगार तुम सब मर जाओगे,तब हाथ बोले ऐसे कैसे मर जाएंगे खाना तो मैं थाली से उठाता हूं ना, मुंह फिर बोले हाथ को तु उठाता पर में तो खाता हुं न ।तब दांत ने कहा अबे साले अगर में नहीं चबाऊंगा तो ऐसे पेट में जायेगा किया।तब जीभा बोली बकवास छोड़ो और जब तक में भोजन को उलटपाल्ट नहीं करूंगा,तब तक पेट में नहीं जाएगा,तब आदमी ने बोले ठीक है तुम सब के बेगार भोजन कराना मुस्कील है तुम सब मिलकर रहोगे तब मैं यानी आदमी बचा रहेगा।आज से प्राण लो कि एक दूसरे का खयाल रखेंगे ©Rahim Singh "

खुद से दुश्मनी एक बार किया होता है की हाथ, मुंह,पेट,आदमी में झगड़ा हो जाता है पेट बोल रहा है की मेरे बेगार तुम सब मर जाओगे,तब हाथ बोले ऐसे कैसे मर जाएंगे खाना तो मैं थाली से उठाता हूं ना, मुंह फिर बोले हाथ को तु उठाता पर में तो खाता हुं न ।तब दांत ने कहा अबे साले अगर में नहीं चबाऊंगा तो ऐसे पेट में जायेगा किया।तब जीभा बोली बकवास छोड़ो और जब तक में भोजन को उलटपाल्ट नहीं करूंगा,तब तक पेट में नहीं जाएगा,तब आदमी ने बोले ठीक है तुम सब के बेगार भोजन कराना मुस्कील है तुम सब मिलकर रहोगे तब मैं यानी आदमी बचा रहेगा।आज से प्राण लो कि एक दूसरे का खयाल रखेंगे ©Rahim Singh

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