जो ग़लतियाॅं माफ़ हो सकती हैं, ठीक की जा सकती हैं
या फ़िर इंसान अगर चाहे तो उन ग़लतियों का
कोई न कोई हल निकल ही आता है,
ऐसी ग़लतियों पर पछताते रहने का या फ़िर
अफ़सोस करते रहने का कोई जवाज़ ही कहाॅं बनता है??
हाॅं,लेकिन जिन ग़लतियों का कोई हल ही नहीं होता
उन ग़लातियो पर रोना,पछताना शर्मिंदा होना
और अफ़सोस करते रहना ज़रूर बनता है।
©Sh@kila Niy@z
#basekkhayaal #basyunhi
#regret
#nojotohindi
#Quotes
#Flower
#24april