प्यार का तजुर्बा " हश्र अंजाम ए वफ़ा, देखते हम भ | हिंदी शायरी Vi

"प्यार का तजुर्बा " हश्र अंजाम ए वफ़ा, देखते हम भी अपनी आंखों से। छुपा के तकिए में मुंह अपना, दर्द के मारे, गरीब दिल रो रहा होता। काश ! किसी से कहीं, हमें भी कभी प्यार हुआ होता। बदले में मिलती बे वफ़ाई, तब जाकर कहीं प्यार का तजुर्बा होता। ©Anuj Ray "

प्यार का तजुर्बा " हश्र अंजाम ए वफ़ा, देखते हम भी अपनी आंखों से। छुपा के तकिए में मुंह अपना, दर्द के मारे, गरीब दिल रो रहा होता। काश ! किसी से कहीं, हमें भी कभी प्यार हुआ होता। बदले में मिलती बे वफ़ाई, तब जाकर कहीं प्यार का तजुर्बा होता। ©Anuj Ray

# प्यार का तजुर्बा "

People who shared love close

More like this

Trending Topic