sunset nature मृत शैय्या सा जीवन
मृत शैय्या सा जीवन लगता जाने कैसी दशा हुई,
क्षण क्षण क्षति सा लगता क्षण भंगुर सी श्वास है लगती
परीक्षा इतनी क्षण प्रति क्षण जटिल रुप धारण करती
अग्नि सी चिंता में चिता समान ये काया क्षण क्षण
ज्वलित होती,
मौनता ही मौनता चहुं ओर भोर भी दिन प्रतिदिन
सुनसान सी लगती,
कोमल कोमल भाव परिवर्तित होते नित्य असंभवता
की त्रिया चरित्र में,
मन व्यथित धीर धराये अश्रु झर झर नयन बरसायें
एकांतता भी क्षण प्रतिक्षणता अपना असमंजस्य
रौद्र रुप दिखाये,
शूलों सी शैय्या लगती कर्म विपरीत परिस्थितियों के
परिणामस्वरूप जाये,
तिनका तिनका बंटता जीवन सांस भी नाजुक सी
क्षण प्रतिक्षण अपना अलग है रुप दिखाये,
चक्रव्यूह है जटिल परीक्षा का एकाकी जीवन
कैसे क्षण प्रतिक्षण जिया जाये,
दो पाटों में पिसता सा प्रतीत होता जीवन कोई
राह न दिखती हाय,
©पंच_भाषी_संस्कृत_लेखिका_तरुणा_शर्मा_तरु
हमारी स्वरचित रचनाएं
शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन
विधा कविता
भाव वास्तविक
#poem #tarukikalam25 #Life #Nojoto #nojotohindi #Trending
#स्वरचितरचनायें
#sunsetnature