सरल नहीं है फिर भी, चलना है मुझको,
जीवन की इस राह में, बढ़ना है मुझको।
अड़चनें आती रहें, धूप छाँव सी जिंदगी,
हर मोड़ पर नई बाजी, पलटना है मुझको।
सपनों की उड़ान में, कभी ना थकना है,
उम्मीदों के दीपक से, जगमगाना है मुझको।
आंधियों से कह दो, कमजोर नहीं हूँ मैं,
टूट कर भी संभलना, सिखाना है मुझको।
सरल नहीं है फिर भी, जीतना है मुझको,
जीवन की इस दौड़ में, दौड़ना है मुझको।
©Rounak kumar
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