जिस प्रकार आकाश में चाहे कितने तारे क्यों ना चमकत

"जिस प्रकार आकाश में चाहे कितने तारे क्यों ना चमकते हो परंतु व्यक्त की आंखें ध्रुव तारे को ही खोजती है ©Pawan Kumar"

 जिस प्रकार आकाश में
 चाहे कितने तारे क्यों ना चमकते हो 
परंतु व्यक्त की 
आंखें ध्रुव तारे को ही खोजती है

©Pawan Kumar

जिस प्रकार आकाश में चाहे कितने तारे क्यों ना चमकते हो परंतु व्यक्त की आंखें ध्रुव तारे को ही खोजती है ©Pawan Kumar

आंखें ध्रुवतारे को ही खोजती है

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