White जन्मदाता" भार्या के आंचल में छुपा कर ,रक्त | हिंदी कविता Vi

"White जन्मदाता" भार्या के आंचल में छुपा कर ,रक्तबीज के मिश्रण से अपने प्रतिरूप की नई शक्ल, करता प्रजनन के माध्यम से । प्रजापति सा ठोक पीट कर अन्न जल वायु अग्नि प्रकृति से आयु भाग्य विधान अर्पण नियति करती, नामकरण अपनी मर्ज़ी से। ©Anuj Ray "

White जन्मदाता" भार्या के आंचल में छुपा कर ,रक्तबीज के मिश्रण से अपने प्रतिरूप की नई शक्ल, करता प्रजनन के माध्यम से । प्रजापति सा ठोक पीट कर अन्न जल वायु अग्नि प्रकृति से आयु भाग्य विधान अर्पण नियति करती, नामकरण अपनी मर्ज़ी से। ©Anuj Ray

# जन्मदाता "

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