महकती शाम है बिखरते ख़्वाब है! मोहब्बत का रंग है | हिंदी Shayari

"महकती शाम है बिखरते ख़्वाब है! मोहब्बत का रंग है उतरता कम है...! ©Arti Raghav"

 महकती शाम है
बिखरते ख़्वाब है!
मोहब्बत का रंग है 
उतरता कम है...!

©Arti Raghav

महकती शाम है बिखरते ख़्वाब है! मोहब्बत का रंग है उतरता कम है...! ©Arti Raghav

#Gulaab #mohabbat

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