ज़िंदगी मैं कुछ करने आया था ,
मुर्शद,
मालूम हुआ ज़िंदगी की सारी तकलीफ़ मेरे मुकद्दर आई मुर्शद ,
जीने की तलाफ़ में जीना चाहा,
जिंदा लाश बन बैठा मैं मुर्शद,
खुद की सफाई देते देते ज़िंदगी में
सब हार बैठा मैं मुर्शद,
अब तो मौत का आने का भी डर नहीं,
बस मौत ही चाहता हु मुर्शद ।
😔🇮🇳🙏🏼
✍️H.S NIRANKARI ✍️
©Harvinder Singh
#snowpark 😔😔