"White ढूंढा हर जगह,पर न भरत मिले न राम मिले
मिला हर जगह रावण पर न मेरे प्रभु राम मिले
थे कई भाई,पर मिला न जो राजपाट छोड़ वनवास जिए
ढूंढा पर न मिला भरत सा कोई भाई महान,न राम मिले।
मिले कोई तो मिले सोचकर ढूंढा दोनों भाइयों को
मिला रावण पर,न लक्ष्मण न भरत न राम मिले
ढूंढ-ढूंढ कर थका हारा सा बैठा तो हनुमान मिले
जो देखा उन्हें फिर ढूंढा ख़ुद में तो राम मिले।
©Nilesh Premyogi
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