मजबूर हूँ, श्रम पर निर्भर हूँ। क्या करूँ,बेसहारा ह | हिंदी Video

मजबूर हूँ,
श्रम पर निर्भर हूँ।
क्या करूँ,बेसहारा हूँ,
मगर गंदी नाली का कीड़ा न समझो।
भाई साहब! मैं मजदूर हूँ…॥

भूखा रहकर सोया करता हूँ,
पर किसी का निवाला नहीं छीनता हूँ।

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