असमंजस और नेराशय के गड्डे मे आखिर तुम कब तक़ यहां प | हिंदी कविता Video

"असमंजस और नेराशय के गड्डे मे आखिर तुम कब तक़ यहां पड़े रहोगे अच्छा होगा आँखे अपनी खोलो वरना अगले जन्म मे भी तुम्हे यही सब फिर दोहराना पड़ेगा ©Arora PR "

असमंजस और नेराशय के गड्डे मे आखिर तुम कब तक़ यहां पड़े रहोगे अच्छा होगा आँखे अपनी खोलो वरना अगले जन्म मे भी तुम्हे यही सब फिर दोहराना पड़ेगा ©Arora PR

आँखे अपनी खोलो

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