कुछ घरों में तो लोग इतने मतलबी होते हैं कि एक औरत | हिंदी शायरी

"कुछ घरों में तो लोग इतने मतलबी होते हैं कि एक औरत को इज्जत देना तो नहीं जानते पर उसके बच्चो पर हक जताने पर माहिर होते है। जब उस औरत को इज्जत देने के काबिल नहीं समझा जाता तो उसके बच्चे कैसे अपने लगते हैं ? सायाद इस लिए क्योंकि वो बच्चे नौ महीने तक मां के खून के कतरे से बने है और ये लोग भी उस औरत के खून के ही प्यासे हैं। ©Lalita patni kothari"

 कुछ घरों में तो लोग इतने मतलबी होते हैं कि एक औरत को इज्जत देना तो नहीं जानते पर उसके बच्चो पर हक जताने पर माहिर होते है।
जब उस औरत को इज्जत देने के काबिल नहीं समझा जाता तो उसके बच्चे कैसे अपने लगते हैं ? 
सायाद इस लिए क्योंकि वो बच्चे नौ महीने तक मां के खून के कतरे से बने है 
और ये लोग भी उस औरत के खून के ही प्यासे हैं।

©Lalita patni kothari

कुछ घरों में तो लोग इतने मतलबी होते हैं कि एक औरत को इज्जत देना तो नहीं जानते पर उसके बच्चो पर हक जताने पर माहिर होते है। जब उस औरत को इज्जत देने के काबिल नहीं समझा जाता तो उसके बच्चे कैसे अपने लगते हैं ? सायाद इस लिए क्योंकि वो बच्चे नौ महीने तक मां के खून के कतरे से बने है और ये लोग भी उस औरत के खून के ही प्यासे हैं। ©Lalita patni kothari

सायद

#Sayd

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