White अंदर की रोशनी " न जाने कब से ढके पड़े थे, अ | हिंदी शायरी V

"White अंदर की रोशनी " न जाने कब से ढके पड़े थे, अमावस के अंधेरों से दिल के वीराने। प्यार से एक निगाह डाल के तूने, दिल के अंदर की रोशनी रोशन कर दी। जगमगा उठा है दिल का हर कोना, शहर की रोशनी भी आज कमतर लगती। खुशी से पागल है तमन्ना दिल की, बताना मुश्किल है इतनी खुशियां भर दीं ©Anuj Ray "

White अंदर की रोशनी " न जाने कब से ढके पड़े थे, अमावस के अंधेरों से दिल के वीराने। प्यार से एक निगाह डाल के तूने, दिल के अंदर की रोशनी रोशन कर दी। जगमगा उठा है दिल का हर कोना, शहर की रोशनी भी आज कमतर लगती। खुशी से पागल है तमन्ना दिल की, बताना मुश्किल है इतनी खुशियां भर दीं ©Anuj Ray

# खुशियां भर दी "

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