ज़िन्दगी के हर मोड़ पे नए रास्तों को खुलते देखा है

"ज़िन्दगी के हर मोड़ पे नए रास्तों को खुलते देखा है, माल ओ ज़र के सामने मंजिल से लोगों को भटकते देखा है ।। शहद रख कर ज़ुबां पर ज़हर की तिजारत करने वाले , ऐसे आस्तीन के सांपों को बारहां कुचलते देखा है ।। जिन्हें है नाज़ अपनी चंद रोजा इंतेकामी बहारों पर , ऐसे मगरूरों को अक्सर सहरा ए जिल्लत में तड़पते देखा है ।। बहुत ही मशहूर है कहावत उससे कुछ सीख ले राशिद, गड्ढा जो खोदते हैं दूसरों के खातिर खुद उन्हें गिरते देखा है ।।"

 ज़िन्दगी के हर मोड़ पे नए रास्तों को खुलते देखा है,

माल ओ ज़र के सामने मंजिल से लोगों को भटकते देखा है ।।


शहद रख कर ज़ुबां पर ज़हर की तिजारत करने वाले ,

ऐसे आस्तीन के सांपों को बारहां कुचलते देखा है ।।


जिन्हें है नाज़ अपनी चंद रोजा इंतेकामी बहारों पर ,

ऐसे मगरूरों को अक्सर सहरा ए जिल्लत में तड़पते देखा है ।।


बहुत ही मशहूर है कहावत उससे कुछ सीख ले राशिद,

गड्ढा जो खोदते हैं दूसरों के खातिर खुद उन्हें गिरते देखा है ।।

ज़िन्दगी के हर मोड़ पे नए रास्तों को खुलते देखा है, माल ओ ज़र के सामने मंजिल से लोगों को भटकते देखा है ।। शहद रख कर ज़ुबां पर ज़हर की तिजारत करने वाले , ऐसे आस्तीन के सांपों को बारहां कुचलते देखा है ।। जिन्हें है नाज़ अपनी चंद रोजा इंतेकामी बहारों पर , ऐसे मगरूरों को अक्सर सहरा ए जिल्लत में तड़पते देखा है ।। बहुत ही मशहूर है कहावत उससे कुछ सीख ले राशिद, गड्ढा जो खोदते हैं दूसरों के खातिर खुद उन्हें गिरते देखा है ।।

#zindagi , #हिंदी , #कविता
#Nojoto , #ज़हर , #Life

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