White
पत्थर जिसे कहते थे सब लोग ज़माने में
कल रात न जाने क्यूँ रोया तो बहुत रोया
बचपन का ज़माना भी क्या ख़ूब ज़माना था
मिट्टी का खिलौना भी खोया तो बहुत रोया
जो जंग के मैदाँ को इक खेल समझता था
हारे हुए लश्कर को देखा तो बहुत रोया
जो देख के हँसता था हम जैसे फ़क़ीरों को
शोहरत की बुलंदी से उतरा तो बहुत रोया
©joshi joshi diljala
#rajdhani_night