स्वार्थों की बस्तियाँ, झूठे वादों के अंबार हैं बिक | हिंदी शायरी Video

"स्वार्थों की बस्तियाँ, झूठे वादों के अंबार हैं बिकते इक पल पल यहाँ जिनके दिलों मे ख़ार हैं **** दामन संभाले रखना जिस्मों के इस शहर में ये तेरे मुँह पे तेरे हैं पीठ पे करते वार हैं II ***** ©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप" "

स्वार्थों की बस्तियाँ, झूठे वादों के अंबार हैं बिकते इक पल पल यहाँ जिनके दिलों मे ख़ार हैं **** दामन संभाले रखना जिस्मों के इस शहर में ये तेरे मुँह पे तेरे हैं पीठ पे करते वार हैं II ***** ©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"

#boatclub Nîkîtã Guptā Sudha Tripathi #seema.k*_-sailent_*write@ @Sarika Tyagi @Ashi Writes

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