White अब तो गांव भी बदलने लगे है , और शहर जैसे लगन | हिंदी कविता Video

"White अब तो गांव भी बदलने लगे है , और शहर जैसे लगने लगे है । वो कच्चे मिट्टी के घर अब गिरने लगे है , अब तो सीमेंट ईट के मकान बनने लगे है । दूर- दूर तक फैले होते थे घर के आंगन, भाई-भाई के झगड़े में वो भी अब सिमटने लगे है। घर के बाहर होते थे नीम और फलदार पेड़ अब वो भी कटने लगे है, अब तो गमले में तरह-तरह के पेड़ और फूल खिलने लगे है । हुआ करते थे गांव में कुएं और वहां लोगों का जमघट, अब तो वो कुएं भी सूखने लगे है,हर घर बोरवेल होने लगे है । खेतों को जोतते थे वो बैल अब वो भी बिकने लगे है , अब तो खेतों में चलते ट्रैक्टर दिखने लगे है । अब तो गांव भी बदलने लगे है , अब तो बेटे भी मां-बाप से दूर रहने लगे है । ©Lalit Musiya "

White अब तो गांव भी बदलने लगे है , और शहर जैसे लगने लगे है । वो कच्चे मिट्टी के घर अब गिरने लगे है , अब तो सीमेंट ईट के मकान बनने लगे है । दूर- दूर तक फैले होते थे घर के आंगन, भाई-भाई के झगड़े में वो भी अब सिमटने लगे है। घर के बाहर होते थे नीम और फलदार पेड़ अब वो भी कटने लगे है, अब तो गमले में तरह-तरह के पेड़ और फूल खिलने लगे है । हुआ करते थे गांव में कुएं और वहां लोगों का जमघट, अब तो वो कुएं भी सूखने लगे है,हर घर बोरवेल होने लगे है । खेतों को जोतते थे वो बैल अब वो भी बिकने लगे है , अब तो खेतों में चलते ट्रैक्टर दिखने लगे है । अब तो गांव भी बदलने लगे है , अब तो बेटे भी मां-बाप से दूर रहने लगे है । ©Lalit Musiya

अब तो गांव भी बदलने लगे हैं #story #Poetry

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