जून क़ी तपी हुई दोपहरी थीं बाहर सन्नाटो कि बरादार | हिंदी विचार Video

"जून क़ी तपी हुई दोपहरी थीं बाहर सन्नाटो कि बरादारी बिछी थीं... तभी अचानक हवा के थपेड़ो से बंद खिड़की खुल गई और वाता नुकूलित कमरे को गरम कर कमरे के तापमान को बड़ा गई ©Arora PR "

जून क़ी तपी हुई दोपहरी थीं बाहर सन्नाटो कि बरादारी बिछी थीं... तभी अचानक हवा के थपेड़ो से बंद खिड़की खुल गई और वाता नुकूलित कमरे को गरम कर कमरे के तापमान को बड़ा गई ©Arora PR

तापमान

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