कमर से बंधी उलझी डोर तुम सुलझा दो। आग जो लगी है दि | हिंदी Shayari Vid

"कमर से बंधी उलझी डोर तुम सुलझा दो। आग जो लगी है दिल में उसे तुम बुझा दो।। मेरी नींदों को पास लिटाकर तुम सुला दो। मेरे सपनों को बाहों में लेकर आज झुला दो।। ©karan Raj "

कमर से बंधी उलझी डोर तुम सुलझा दो। आग जो लगी है दिल में उसे तुम बुझा दो।। मेरी नींदों को पास लिटाकर तुम सुला दो। मेरे सपनों को बाहों में लेकर आज झुला दो।। ©karan Raj

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