जिंदगी के वरक़ पर हिकायत ए दर्द है फिलहाल
कलम को मेरे अभी सुकून के कागज़ का इंतजार है शायद
ज़रा सा सब्र है
खुदा लिखेगा इस हिकायत में एहतराम खुशियों की
और
पूरी होगी कलम से कागज़ की मोहब्बत ए सुकून की दास्ताँ
नायाब
©writer....Nishu...
#हिकायत ए दर्द में सुकून की दास्ताँ