पुरानी किताबों के पन्ने सभी गवाही यहां देनें आ जाय | हिंदी शायरी

"पुरानी किताबों के पन्ने सभी गवाही यहां देनें आ जायेंगे तुम आते हो इस कदर रोज याद हमें शायद ही जन्म आपको भूल पाएंगे रहते हैं अपनी खुशियों में अब मसरूफ वो हमें फिक्र थी शायद उन्हें हमारे खयाल सताएंगे ©Arpit Agrawal"

 पुरानी किताबों के पन्ने सभी
गवाही यहां देनें आ जायेंगे

तुम आते हो इस कदर रोज याद हमें
शायद ही जन्म आपको भूल पाएंगे

रहते हैं अपनी खुशियों में अब मसरूफ वो 
हमें फिक्र थी शायद उन्हें हमारे खयाल सताएंगे

©Arpit Agrawal

पुरानी किताबों के पन्ने सभी गवाही यहां देनें आ जायेंगे तुम आते हो इस कदर रोज याद हमें शायद ही जन्म आपको भूल पाएंगे रहते हैं अपनी खुशियों में अब मसरूफ वो हमें फिक्र थी शायद उन्हें हमारे खयाल सताएंगे ©Arpit Agrawal

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