ऐतबार ए इश्क की आग में जलकर देखो । कभी बारिश में भ | हिंदी कविता Video

"ऐतबार ए इश्क की आग में जलकर देखो । कभी बारिश में भी बाहर निकल के देखो । रह जाती है अकसर फूल दब कर किताबो में, पुराने पन्नों को जरा सा पलट कर देखो । ये नदिया ये झरने ये सागर में क्या रखा है , कभी महबूब की आंखों में उतर कर देखो । दर्द, दवा, ख्वाब, सजा, यहां सब मिलेगा, जरा जिन्दगी की राह में चल कर देखो । चलो छोड़ो गिलेशिकवे जाओ बात करो , तुम्हारे अजीज है वो जरा उन्हें आंखे भर कर देखो । तर्क से तो तुम मुझे कभी पराजित नही कर सकते , जीतना है मुझसे तो सुशील से सुशील बनकर देखो । ©Brok Boy "

ऐतबार ए इश्क की आग में जलकर देखो । कभी बारिश में भी बाहर निकल के देखो । रह जाती है अकसर फूल दब कर किताबो में, पुराने पन्नों को जरा सा पलट कर देखो । ये नदिया ये झरने ये सागर में क्या रखा है , कभी महबूब की आंखों में उतर कर देखो । दर्द, दवा, ख्वाब, सजा, यहां सब मिलेगा, जरा जिन्दगी की राह में चल कर देखो । चलो छोड़ो गिलेशिकवे जाओ बात करो , तुम्हारे अजीज है वो जरा उन्हें आंखे भर कर देखो । तर्क से तो तुम मुझे कभी पराजित नही कर सकते , जीतना है मुझसे तो सुशील से सुशील बनकर देखो । ©Brok Boy

#duniya Jalkar dekho

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