प्रेम के कुछ हिस्सों की बातें,
करते हैं आज,
कुछ इस तरह व्यक्त करती हूं प्रेम....
कि, मेरे बोलने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम सुनो ना....
मेरे मुस्कुराने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम भी मुस्कुराओ ना....
मेरे रूठने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम मनाओ ना....
मेरे विचारों का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम समझो ना.....
मेरे ख्वाबों का क्या फ़ायदा?
जो तुम्हारे संग देखूं ना.......
मेरे रास्तों का क्या फ़ायदा?
जब तुम साथ चलो ना.....
मेरे दुखों का भी क्या फ़ायदा?
जब तक तुम ताक़त बनो ना....
मेरे संकल्पों का क्या फ़ायदा?
जब तक सिद्धि हो ना.......
मेरे चुप रहने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम बोलो ना......
मेरे लिखने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम पढ़ो ना......
मेरे चाहने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम्हें एहसास हो ना.......
मेरी आत्मा का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम मेरी आत्मा बनो ना.........
मेरे संवरने का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम मेरी तरफ़ देखो ना......
मेरे प्रेम का क्या फ़ायदा?
जब तक तुम्हारे लिए व्यक्त हो ही ना......।।
©Babita
#chaandsifarish