आमने-सामने नींद आई ही थी बस तभी ख़्वाब में, आ गयी | हिंदी शायरी

"आमने-सामने नींद आई ही थी बस तभी ख़्वाब में, आ गयी दिलरुबा आमने-सामने उनकी धड़कन से नींदे मेरी खुल गयीं, हो गये वो जुदा आमने-सामने अरमान"

 आमने-सामने नींद आई ही थी बस तभी ख़्वाब में, 
आ गयी दिलरुबा आमने-सामने
उनकी धड़कन से नींदे मेरी खुल गयीं, 
हो गये वो जुदा आमने-सामने

अरमान

आमने-सामने नींद आई ही थी बस तभी ख़्वाब में, आ गयी दिलरुबा आमने-सामने उनकी धड़कन से नींदे मेरी खुल गयीं, हो गये वो जुदा आमने-सामने अरमान

#Arman_Saif_Shayri_आमने-सामने अनूप सैनी 'बेबाक' रूहदार Nehu❤ @Babita @Vallika Poet

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