बाहर जगमग मग चकाचौंध और भीतर से मन खाली खाली। कहीं | हिंदी शायरी

"बाहर जगमग मग चकाचौंध और भीतर से मन खाली खाली। कहीं दीयों का विश्व रिकॉर्ड है, कहीं हैं रातें काली काली।। जब तक शिक्षा पर अंधकार है, रोजगार में विस्फोट नहीं। फर्ज़ी हैं सारे विश्व रिकॉर्ड, सारे दावे हैं जाली जाली।। ©Prajjwal Singh"

 बाहर जगमग मग चकाचौंध और भीतर से मन खाली खाली।
कहीं दीयों का विश्व रिकॉर्ड है, कहीं हैं रातें काली काली।।
जब तक शिक्षा पर अंधकार है, रोजगार में विस्फोट नहीं।
फर्ज़ी हैं सारे विश्व रिकॉर्ड, सारे दावे हैं जाली जाली।।

©Prajjwal Singh

बाहर जगमग मग चकाचौंध और भीतर से मन खाली खाली। कहीं दीयों का विश्व रिकॉर्ड है, कहीं हैं रातें काली काली।। जब तक शिक्षा पर अंधकार है, रोजगार में विस्फोट नहीं। फर्ज़ी हैं सारे विश्व रिकॉर्ड, सारे दावे हैं जाली जाली।। ©Prajjwal Singh

#Diwali #Politics #Life

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