मुझे याद आ रही है तुम्हारी।।।। नहीं वापस नहीं चाह | हिंदी Poetry

"मुझे याद आ रही है तुम्हारी।।।। नहीं वापस नहीं चाहिए हो तुम मुझे अपनी जिंदगी में , बस जो महसूस कर रही हूं वो बता रही हूं, एक बार फिर अपने एहसास तुमको जता रही हूं, क्यूं , कब, कैसे ,नहीं पता मुझे ,पर एक बार फिर, लब्ज़ों से बयां कर,अपने दिल की दास्तान सुना तुमको सता रही हूं। ©Hritika Lohiya"

 मुझे याद आ रही है तुम्हारी।।।।

नहीं वापस नहीं चाहिए हो तुम मुझे अपनी जिंदगी में ,
बस जो महसूस कर रही हूं वो बता रही हूं, 
एक बार फिर अपने एहसास तुमको जता रही हूं,
क्यूं , कब, कैसे ,नहीं पता मुझे ,पर एक बार फिर,
लब्ज़ों से बयां कर,अपने दिल की दास्तान सुना तुमको सता रही हूं।

©Hritika Lohiya

मुझे याद आ रही है तुम्हारी।।।। नहीं वापस नहीं चाहिए हो तुम मुझे अपनी जिंदगी में , बस जो महसूस कर रही हूं वो बता रही हूं, एक बार फिर अपने एहसास तुमको जता रही हूं, क्यूं , कब, कैसे ,नहीं पता मुझे ,पर एक बार फिर, लब्ज़ों से बयां कर,अपने दिल की दास्तान सुना तुमको सता रही हूं। ©Hritika Lohiya

मुझ याद आ रही है तुम्हारी 🥹

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