दोस्त दोस्ती दोस्ताना कहने भर के अल्फाज़ नहीं है सि | हिंदी कविता Video

"दोस्त दोस्ती दोस्ताना कहने भर के अल्फाज़ नहीं है सिमट आती है विस्तृत हो जाती है दुनिया इन शब्दों में समाकर बनो दोस्त किसी के यदि दोस्ती के मायने कायम रखना सीखें तुमसे दूसरे देखकर दोस्ताना ऐसा अपना निभाना दोस्त दोस्ती दोस्ताना इसके बिना जीना जानता नहीं जमाना ©Author Munesh sharma 'Nirjhara' "

दोस्त दोस्ती दोस्ताना कहने भर के अल्फाज़ नहीं है सिमट आती है विस्तृत हो जाती है दुनिया इन शब्दों में समाकर बनो दोस्त किसी के यदि दोस्ती के मायने कायम रखना सीखें तुमसे दूसरे देखकर दोस्ताना ऐसा अपना निभाना दोस्त दोस्ती दोस्ताना इसके बिना जीना जानता नहीं जमाना ©Author Munesh sharma 'Nirjhara'

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