White #विशवास -अंधविश्वास 🖊️ पृभु मैंने पकड़े है | हिंदी Poetry Video

"White #विशवास -अंधविश्वास 🖊️ पृभु मैंने पकड़े है तुम्हारे हाथ अगर मैं छुड़ाना भी चाहुंगी पर तुमने कस कि जो पकड़े मेरे हाथ यह है मेरा विश्वास -अंधविश्वास नहीं,अब तुम ले चलोगे वहां जहां मेरे लिए सही बुरा तुम कभी मेरे लिए चाहोगे नहीं यह है विश्वास, अंधविश्वास नहीं। तुम कण -कण में हो विराजमान हर तरफ बस तुम ही नजर आते, तुम मलविंदर का बाल भी बांका न होने दोगे यह है विश्वास अंधविश्वास नहीं। जब इंसान डोल रहा विश्वास जरा कमजोर रहा ,तुम पलपल कुछ ऐसा कर जाते उनका विश्वास और गहरा कर जाते, तुम हो दुनिया में याद दिला जाते यह है विश्वास अंधविश्वास नहीं। तुम कण कण में नजर है आते, तुम से दोस्ती जो करते दोस्ती खुब निभाते,धनने को पत्थर में दर्शन दे जाते, प्रहलाद को अग्नि से बचा जाते यह था उनका विश्वास अंधविश्वास नहीं, जो तुम पर करता विश्वास उसका विश्वास कभी डोलने न देते किसी भी रूप में उसकी रक्षा हो करते यह है उसका विश्वास अंधविश्वास नहीं।। ©Mmm malwinder "

White #विशवास -अंधविश्वास 🖊️ पृभु मैंने पकड़े है तुम्हारे हाथ अगर मैं छुड़ाना भी चाहुंगी पर तुमने कस कि जो पकड़े मेरे हाथ यह है मेरा विश्वास -अंधविश्वास नहीं,अब तुम ले चलोगे वहां जहां मेरे लिए सही बुरा तुम कभी मेरे लिए चाहोगे नहीं यह है विश्वास, अंधविश्वास नहीं। तुम कण -कण में हो विराजमान हर तरफ बस तुम ही नजर आते, तुम मलविंदर का बाल भी बांका न होने दोगे यह है विश्वास अंधविश्वास नहीं। जब इंसान डोल रहा विश्वास जरा कमजोर रहा ,तुम पलपल कुछ ऐसा कर जाते उनका विश्वास और गहरा कर जाते, तुम हो दुनिया में याद दिला जाते यह है विश्वास अंधविश्वास नहीं। तुम कण कण में नजर है आते, तुम से दोस्ती जो करते दोस्ती खुब निभाते,धनने को पत्थर में दर्शन दे जाते, प्रहलाद को अग्नि से बचा जाते यह था उनका विश्वास अंधविश्वास नहीं, जो तुम पर करता विश्वास उसका विश्वास कभी डोलने न देते किसी भी रूप में उसकी रक्षा हो करते यह है उसका विश्वास अंधविश्वास नहीं।। ©Mmm malwinder

#hindi_poem_appreciation पृभु मैंने पकड़े है तुम्हारे हाथ
अगर मैं छुड़ाना भी चाहुंगी पर तुमने
कस कि जो पकड़े मेरे हाथ यह है मेरा विश्वास -अंधविश्वास नहीं,अब तुम ले चलोगे वहां जहां मेरे लिए सही बुरा तुम कभी मेरे लिए चाहोगे नहीं यह है विश्वास, अंधविश्वास नहीं।
तुम कण -कण में हो विराजमान
हर तरफ बस तुम ही नजर आते, तुम मलविंदर का बाल भी बांका न होने दोगे
यह है विश्वास अंधविश्वास नहीं।
जब इंसान डोल रहा विश्वास जरा कमजोर रहा ,तुम पलपल कुछ ऐसा कर जाते उनका विश्वास और गहरा कर जाते

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