कोई बेवफा नई होता, कोई दिल का भूरा नई होता, कुछ न | हिंदी Shayari
"कोई बेवफा नई होता,
कोई दिल का भूरा नई होता,
कुछ ना सामजिया,
बेबसिया,
बेवकूफया,
हाले-ए-दिल को कमजोर बना देती है....
यारों...
वरना
कोई अपनी मर्जी से जुदा नई होता.....✍️"
कोई बेवफा नई होता,
कोई दिल का भूरा नई होता,
कुछ ना सामजिया,
बेबसिया,
बेवकूफया,
हाले-ए-दिल को कमजोर बना देती है....
यारों...
वरना
कोई अपनी मर्जी से जुदा नई होता.....✍️