दूर क्षितिज तक चलना है, सूरज के उस पार। छोड़ दे गठ | हिंदी शायरी Video

"दूर क्षितिज तक चलना है, सूरज के उस पार। छोड़ दे गठरी संतापों की,मृग तृष्णा का भार। नहीं साथ कोई तो क्या, राह चलेगी संग तेरे। तेरा तू बस खुद ही है, नहीं तेरा संसार। ©deepesh singh "

दूर क्षितिज तक चलना है, सूरज के उस पार। छोड़ दे गठरी संतापों की,मृग तृष्णा का भार। नहीं साथ कोई तो क्या, राह चलेगी संग तेरे। तेरा तू बस खुद ही है, नहीं तेरा संसार। ©deepesh singh

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