"सुनो मेरी जान
मेरी हकीकत से खूबसूरत
कोई ख्वाब नही
बेशुमार जख्म है मोहब्बत के
लेकिन कोई इलाज नहीं
गम इतने समेटे हुए हूं के
खुशियों का एहसास नही
तन्हाई की हो गई आदत मुझे
महफिलों से कोई मतलब नहीं
इश्क ओ मोहब्बत है मर्जी
खुदा की कोई इतिफाक नही
तुम हो तुम थे तुम रहोगे हमेशा
अब मुझे और किसी की चाह नही
©sanjeev yadav
"