कड़ी धूप से मोहब्बत हो गई थी समंदर को ! वो जब भी ग | हिंदी Shayari

"कड़ी धूप से मोहब्बत हो गई थी समंदर को ! वो जब भी गुस्से से तेज़ होती, वो भाप बनकर उसे गले लगा लेता."

 कड़ी धूप से मोहब्बत हो गई थी समंदर को !
वो जब भी गुस्से से तेज़ होती,
वो भाप बनकर उसे गले लगा लेता.

कड़ी धूप से मोहब्बत हो गई थी समंदर को ! वो जब भी गुस्से से तेज़ होती, वो भाप बनकर उसे गले लगा लेता.

#Pehlealfaaz प्यारा सा "गुस्सा"

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