आजादी के अमृत महोत्सव काल में एक थाना प्रभारी द्वा | हिंदी विचार

"आजादी के अमृत महोत्सव काल में एक थाना प्रभारी द्वारा 13 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करना वर्दी समुदाय को ही कलंकित करना है ।ऐसे में तमाम वर्दी धारियों को इसका खिलाफत करते हुए उस दरिंदे को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करना चाहिए । तभी इस देश में वर्दी से कलंक मिट सकता है। ©Dharmendra singh"

 आजादी के अमृत महोत्सव काल में एक थाना प्रभारी द्वारा 13 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करना वर्दी  समुदाय को ही कलंकित करना है ।ऐसे में तमाम वर्दी धारियों को इसका खिलाफत करते हुए  उस दरिंदे को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करना चाहिए । तभी इस देश में वर्दी से कलंक मिट सकता है।

©Dharmendra singh

आजादी के अमृत महोत्सव काल में एक थाना प्रभारी द्वारा 13 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म करना वर्दी समुदाय को ही कलंकित करना है ।ऐसे में तमाम वर्दी धारियों को इसका खिलाफत करते हुए उस दरिंदे को सजा दिलाने के लिए संघर्ष करना चाहिए । तभी इस देश में वर्दी से कलंक मिट सकता है। ©Dharmendra singh

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