नजर पैनी है यूं हुलिये से अंदाज न लगाना असर गहरा घ | हिंदी Poetry Vide

"नजर पैनी है यूं हुलिये से अंदाज न लगाना असर गहरा घाव का दिखावे का जख्म न लगाना नजर पैनी है यूं हुलिए से अंदाज न लगाना बहला न पाओगे गालिब इसलिए कोई चालाकी अब न आजमाना की भरोसे बहुत किए तुझ पर की भरोसे बहुत किए तुझ पर जिसे हर दफा तूने तोड़ा है कभी इधर कभी उधर कभी इधर कभी उधर रंग भांति भांति का छोड़ा है कतरा कतरा जोड़कर तेरी बदसलूकी को पहचाना है गोर कर... काम से कम इस किरदार पर अब फिर से न बदल जाना है ©Neha Bhargava (karishma) "

नजर पैनी है यूं हुलिये से अंदाज न लगाना असर गहरा घाव का दिखावे का जख्म न लगाना नजर पैनी है यूं हुलिए से अंदाज न लगाना बहला न पाओगे गालिब इसलिए कोई चालाकी अब न आजमाना की भरोसे बहुत किए तुझ पर की भरोसे बहुत किए तुझ पर जिसे हर दफा तूने तोड़ा है कभी इधर कभी उधर कभी इधर कभी उधर रंग भांति भांति का छोड़ा है कतरा कतरा जोड़कर तेरी बदसलूकी को पहचाना है गोर कर... काम से कम इस किरदार पर अब फिर से न बदल जाना है ©Neha Bhargava (karishma)

#गालिब ए ख्याल

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