गीत :-
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...
लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना ।
सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।।
और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं ।
मातु पे सुत का सदा अधिकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.....
मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ ।
चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।।
उन पहाड़ों पे करे माँ वास है ।
सुन रही वो भक्त की दरकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....
गीत गाकर आज बंदनवार कर ।
मातु का अब भोग भी तैयार कर ।।
आ गई हैं कर सवारी सिंह की ।
अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....
मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल ।
फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।।
भूल तेरी आज हो जाये क्षमा ।
कष्ट से होते वही उद्धार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
१०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :-
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...