खून उबलता नहीं खून उबाला जाता हैं। रोज धर्म के नाम | हिंदी कविता

"खून उबलता नहीं खून उबाला जाता हैं। रोज धर्म के नाम पे पुनिय ± पाप याद दिलाया जाता हैं। काम किसका है क्या पता , भगवान दिल में है और उसमे दिमाग लगाया जाता हैं। ©Shakti Singh"

 खून उबलता नहीं खून उबाला जाता हैं।
रोज धर्म के नाम पे पुनिय ± पाप याद दिलाया जाता हैं।
काम किसका है क्या पता ,
भगवान दिल में है
और
उसमे दिमाग लगाया जाता हैं।

©Shakti Singh

खून उबलता नहीं खून उबाला जाता हैं। रोज धर्म के नाम पे पुनिय ± पाप याद दिलाया जाता हैं। काम किसका है क्या पता , भगवान दिल में है और उसमे दिमाग लगाया जाता हैं। ©Shakti Singh

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#dilemma

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