माँ,बेटी और नारी | हिंदी Poetry

"     माँ,बेटी और नारी  (रूप एक, नाम अनेक) मां की कोख से जन्मी, एक बेटी तो हंगामा उंगली उठाने वाला कोई और नहीं,ये ज़माना अपने हौसलों से जब दिखाया, उसने कारनामा आज दांतों तले उंगली दबाए बैठा,वही ज़माना। ©virutha sahaj"

   
  माँ,बेटी और नारी                               (रूप एक, नाम अनेक)


मां की कोख से जन्मी, एक बेटी तो हंगामा

उंगली उठाने वाला कोई और नहीं,ये ज़माना

अपने हौसलों से जब दिखाया, उसने कारनामा

आज दांतों तले उंगली दबाए बैठा,वही ज़माना।

©virutha sahaj

     माँ,बेटी और नारी  (रूप एक, नाम अनेक) मां की कोख से जन्मी, एक बेटी तो हंगामा उंगली उठाने वाला कोई और नहीं,ये ज़माना अपने हौसलों से जब दिखाया, उसने कारनामा आज दांतों तले उंगली दबाए बैठा,वही ज़माना। ©virutha sahaj

#नारी

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