खुशी की तलास नहीं,अब किसी की आश नहीं। निराशा का बो | हिंदी विचार Video

"खुशी की तलास नहीं,अब किसी की आश नहीं। निराशा का बोध नहीं,अब किसी पर क्रोध नही । शिव है मेरे मैं शिव का ,अब किसी का बोध नहीं। बहुत की खोज में दर दर भटका,पर अब किसी का शोध नही। ©praveen dubey "

खुशी की तलास नहीं,अब किसी की आश नहीं। निराशा का बोध नहीं,अब किसी पर क्रोध नही । शिव है मेरे मैं शिव का ,अब किसी का बोध नहीं। बहुत की खोज में दर दर भटका,पर अब किसी का शोध नही। ©praveen dubey

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