तू खिलना ए गुलाब चमन में पूरी शिद्दत से।
लोगो की तू फ़िक्र ना करना।
खुद को बाज़ार में बेचने ना जाना।
तू जीना मुस्कुराना खिलखिलाना।
माहौल को खुशनुमा बनाना।।
अपनी मस्ती में जीना, अपनी मौज में रहना।
दुनिया की परवाह ना करना,
दिल की सुनना दिल की कहना।।
तू खिलना ए गुलाब चमन में पूरी शिद्दत से....
©अविरल अनुभूति
गुलाब